Saturday, November 29, 2008

Mr. Terrorist,

oh shit, you were handed with a gun,
oh shit, you thought u will have fun
oh shit, you killed to save religion
oh shit, you created fear and run

oh yes, you are standing at gates of hell
oh yes, thats your blood that you just smell
oh yes, you spoiled your religion
oh yes, you not called martyr, but sick man

F*CK YOU

माँ

जब रात और दिन मेरे एक थे,
जब अर्थ हीन चित्र अनेक थे
जब आँचल से लिपट मैं रोया करता था,
जब लोरी बिन मैं सोया करता था
जब बोल जुबान पर फूटा था,
जब पैरों का बाण छूटा था
जब हाथों से भाग रूठा करता था,
जब हर वक्त कुछ सामान टूटा करता था
तब माँ मेरी, तुम मेरे साथ थी,
तुम ही मेरी यशोदा, तुम ही श्वांस थी

जब जोश मन का साथी था,
जब दिल में ख्वाहिशों का हाथी था
जब पोक्केट थोडी ढीली थी,
जब अंधेरा और एक तीली थी
जब मिला पहेला पुरस्कार था,
जब कैंटीन में सौ का उधार था
जब कुछ पाने की आहाट थी,
जब मन में उलझनों की गांठ थी
तब माँ मेरी, तुम मेरे साथ थी,
तुम ही मेरी प्रेरणा, तुम ही विश्वास थी

जब मेरी अपनी परछाई भी टूटी सी थी,
जब गुरुर था जिसपर, वो दोस्ती भी छूटी सी थी
जब मन का विश्वास एक शण में टुटा था,
जब हर बंधन, हर इशारा झुटा सा था
जब नींद आखों से रूठी सी थी,
जब पीड़ा दिल में फूटी सी थी
जब चेहरे की मासूमियत दाग थी,
जब चंचल मन की बातें राख थी
तब माँ मेरी, तुम मेरे साथ थी,
तुम ही मेरी दवा, तुम ही आखिरी आस थी